Matlabi Rishte Shayari
दिल से जुड़ा हर रिश्ता मतलब में खो गया,
मोहब्बत का नकाब ओढ़कर हर अपना धो गया।Dil se juda har rishta matlab mein kho gaya,
Mohabbat ka naqaab odhkar har apna dho gaya.
अपनों के बीच भी अब परायापन दिखता है,
रिश्तों की मिठास में कड़वाहट सा लगता है।Apnon ke beech bhi ab paraayapan dikhta hai,
Rishton ki mithaas mein kadwahat sa lagta hai.
ज़िंदगी ने सिखाया हर रिश्ता निभाने का तरीका,
पर मतलब के लोगों ने दिया दर्द का सलीका।Zindagi ne sikhaya har rishta nibhaane ka tareeka,
Par matlab ke logon ne diya dard ka saleeka.
ज़िंदगी में “matlabi rishte shayari” का अनुभव हर किसी को होता है। अक्सर हम अपने जीवन में “matlabi rishte aksar log bhul jate hai shayari” को महसूस करते हैं, जब अपने ही करीबी हमें भूल जाते हैं। ऐसे रिश्ते जो केवल जरूरतों तक सीमित रहते हैं, उन्हें समझने में समय लगता है। “matlabi rishte istemal karna shayari” का सच यह है कि ऐसे लोग केवल अपने फायदे के लिए दूसरों का इस्तेमाल करते हैं। जब उम्मीदें टूटती हैं, तो “matlabi rishte umeed shayari” के दर्द को कोई शब्द नहीं समझा सकता।
Matlabi Rishte Aksar Log Bhul Jate Hai Shayari
मतलब के रिश्ते सिर्फ जरूरतों तक सीमित रहते हैं,
उम्मीदें पूरी होते ही अपने पीछे छूट जाते हैं।Matlab ke rishte sirf zaruraton tak seemit rahte hain,
Umeeden poori hote hi apne peeche chhoot jaate hain.
जो कभी करीब थे, वो आज दूर दिखते हैं,
जिन्हें अपना समझा, वही सबसे ज्यादा छलते हैं।Jo kabhi kareeb the, wo aaj door dikhte hain,
Jinhe apna samjha, wahi sabse zyada chhalte hain.
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दिल ने रिश्तों को सहेजा अपनी पूरी ताकत से,
पर मतलब के लोग उन्हें भूल गए बड़ी आसानी से।Dil ne rishte ko saheja apni poori taqat se,
Par matlab ke log unhe bhool gaye badi aasani se.
ज़िंदगी में अक्सर ऐसा होता है कि “matlabi rishte aksar log bhul jate hai shayari” का सच हमें बहुत गहराई से महसूस होता है। जब अपने लोग केवल मतलब के लिए पास आते हैं और जरूरत पूरी होने पर भूल जाते हैं, तो यह दिल को तकलीफ देता है। “Matlabi rishte shayari” हमें उन भावनाओं का अनुभव कराती है जो मतलब के रिश्तों में छुपी होती हैं। इन रिश्तों में सच्चाई नहीं होती, और “matlabi rishte istemal karna shayari” इस बात को उजागर करती है कि लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए दूसरों का इस्तेमाल करते हैं।
Matlabi Rishte Dikhawa Shayari
दिखावे के रिश्तों में अपनापन ढूंढना मुश्किल है,
हर मुस्कान के पीछे छुपा दर्द साफ झलकता है।Dikhave ke rishte mein apnapan dhoondhna mushkil hai,
Har muskaan ke peeche chhupa dard saaf jhalakta hai.
दुनिया की चमक-धमक में रिश्ते भी बिकने लगे हैं,
जहां इज्जत नहीं, वहां दिखावे ही टिकने लगे हैं।Duniya ki chamak-dhamak mein rishte bhi bikne lage hain,
Jahan izzat nahi, wahan dikhave hi tikne lage hain.
दिखावा और घमंड हर रिश्ते को तोड़ देता है,
दिल का रिश्ता बनते ही सब बिखर जाता है।Dikhawa aur ghamand har rishte ko tod deta hai,
Dil ka rishta bante hi sab bikhar jata hai.
“Matlabi rishte dikhawa shayari” यह दर्शाती है कि दिखावा आज के समय के रिश्तों की सबसे बड़ी पहचान बन गया है। ऐसे रिश्तों में इज्जत का आभास तो होता है, लेकिन वह केवल बाहरी होता है। “Matlabi rishte izzat shayari” में यह देखा जाता है कि सच्चाई से दूर, इन रिश्तों में केवल समाज और प्रतिष्ठा की चिंता होती है। यही दिखावा अंत में तकलीफ देता है, और “matlabi rishte takleef shayari” इस दर्द को बयां करती है।
Matlabi Rishte Shayari in Hindi
रिश्तों की चमक केवल दिखावे तक सीमित रही,
दिल के जज्बातों की कीमत कहीं खो सी गई।Rishton ki chamak keval dikhave tak seemit rahi,
Dil ke jazbaaton ki keemat kahin kho si gayi.
मतलब के खेल में रिश्ते अनजाने हो गए,
जो अपने थे, वही पराए हो गए।Matlab ke khel mein rishte anjaane ho gaye,
Jo apne the, wahi paraaye ho gaye.
हर रिश्ता अब नफ़रत और जरूरत में बदल गया,
प्यार का मतलब भी समझना मुश्किल हो गया।Har rishta ab nafrat aur zarurat mein badal gaya,
Pyar ka matlab bhi samajhna mushkil ho gaya.
“Matlabi rishte shayari in hindi” हमें अपने ही रिश्तों के असली रूप से अवगत कराती है। कई बार, अपने लोग भी “matlabi rishte aukat shayari” के जरिए हमारे साथ उनका व्यवहार तय करते हैं। लेकिन यह सच्चाई भी है कि “matlabi rishte apne to apne hote hai shayari” हमें यह एहसास दिलाती है कि सभी रिश्ते स्वार्थी नहीं होते। फिर भी, “matlabi rishte shayari in english” और “matlabi rishte ghamand shayari” हमें इस बात का अहसास कराती है कि दिखावा और घमंड आज के समय में कई रिश्तों की नींव है।
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Matlabi Rishte Dhoka Shayari
रिश्तों में मिले धोखे ने सब कुछ तोड़ दिया,
दिल ने जिन्हें अपना कहा, उन्होंने ही दिल को छल दिया।Rishton mein mile dhokhe ne sab kuch tod diya,
Dil ne jinhe apna kaha, unhone hi dil ko chal diya.
धोखा जब अपनों से मिले, तो दर्द बेपनाह होता है,
हर खुशी के बदले गम का सैलाब होता है।Dhokha jab apnon se mile, to dard bepanaah hota hai,
Har khushi ke badle gham ka sailaab hota hai.
जो रिश्ते दिल से निभाए, वही विश्वास तोड़ गए,
धोखा देने वाले अपने बनकर छोड़ गए।Jo rishte dil se nibhaye, wahi vishwas tod gaye,
Dhokha dene wale apne bankar chhod gaye.
“Matlabi rishte dhoka shayari” उन कड़वे अनुभवों को दर्शाती है जो स्वार्थी रिश्तों में होते हैं। जब विश्वास टूटता है, तो “matlabi rishte dhokebaaz shayari” के शब्द हमारे दिल की भावनाओं को बयान करते हैं। ऐसे रिश्ते जहां केवल धोखा मिलता है, वे हमारी आत्मा को झकझोर कर रख देते हैं। “Dhokebaaz matlabi rishte dhoka shayari” यह सिखाती है कि मतलब के रिश्ते कभी सच्चे नहीं हो सकते।
Matlabi Bharosa Rishte Dhoka Shayari
विश्वास का रिश्ता जब टूटता है, तो सब कुछ बिखर जाता है,
दिल जो कभी मजबूत था, वो अंदर से डर जाता है।Vishwas ka rishta jab tootata hai, to sab kuch bikhar jata hai,
Dil jo kabhi mazboot tha, wo andar se dar jata hai.
भरोसे की डोर बहुत नाजुक होती है,
धोखा देने से रिश्तों की रूह मर जाती है।Bharose ki dor bahut naazuk hoti hai,
Dhokha dene se rishton ki rooh mar jaati hai.
रिश्तों में भरोसा जब खत्म होता है,
तो जिंदगी का हर रिश्ता अधूरा लगता है।Rishton mein bharosa jab khatam hota hai,
To zindagi ka har rishta adhoora lagta hai.
विश्वास का टूटना सबसे बड़ी चोट है, और “matlabi bharosa rishte dhoka shayari” में यह दर्द साफ झलकता है। जब अपने ही लोग धोखा देते हैं, तो “quotes matlabi rishte dhoka shayari” इस हकीकत को शब्दों में पिरोती है। “Status matlabi rishte dhoka shayari” हमें उन भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम देती है, जो ऐसे स्वार्थी रिश्तों में होती हैं।
Matlabi Rishte Dhoka Shayari on Life
जिन्हें अपना समझा, उन्होंने दर्द ही दिया,
मतलबी रिश्तों ने हर सपना अधूरा कर दिया।Jinhe apna samjha, unhone dard hi diya,
Matlabi rishteon ne har sapna adhoora kar diya.
जिंदगी की राहों में हर रिश्ता छलावा निकला,
दिल ने जिसे अपना माना, वही सबसे जुदा निकला।Zindagi ki raahon mein har rishta chhalawa nikla,
Dil ne jise apna maana, wahi sabse juda nikla.
रिश्तों की हकीकत ने भरोसा तोड़ दिया,
मतलबी लोगों ने जिंदगी का हर रंग खो दिया।Rishton ki haqeeqat ne bharosa tod diya,
Matlabi logon ne zindagi ka har rang kho diya.
“Matlabi rishte dhoka shayari on life” जीवन के उन कड़वे पलों को सामने लाती है, जो ऐसे मतलबपरस्त रिश्तों के कारण पैदा होते हैं। “Pyar me matlabi rishte dhoka shayari” इस बात को समझाने का प्रयास करती है कि प्रेम में भी जब मतलब घुस जाता है, तो केवल धोखा और दर्द ही रह जाता है। चाहे “matlabi rishte dhoka shayari english” हो या हिंदी में, यह हमें रिश्तों की सच्चाई को पहचानने का मौका देती है।
Rishte Matlabi Shayari
रिश्ते आजकल केवल मतलब तक सिमट गए हैं,
दिल की जगह अब झूठे शब्द रह गए हैं।Rishte aajkal keval matlab tak simat gaye hain,
Dil ki jagah ab jhoothe shabd reh gaye hain.
अपनापन अब बस दिखावे तक सीमित है,
दिल का हर रिश्ता अब एक फरेब सा है।Apnapan ab bas dikhave tak seemit hai,
Dil ka har rishta ab ek fareb sa hai.
रिश्तों की इस दौड़ में हर कोई अकेला है,
जहां मतलब है, वहां प्यार का झूठा खेला है।Rishton ki is daud mein har koi akela hai,
Jahan matlab hai, wahan pyar ka jhootha khela hai.
“Rishte matlabi shayari” हमारे जीवन के उन कड़वे अनुभवों को उजागर करती है, जब रिश्तों में स्वार्थ और मतलब की भावना हावी हो जाती है। “Rishte matlabi paise ki duniya hai shayari” इस सच्चाई को बयान करती है कि आजकल के रिश्ते केवल पैसे और भौतिक सुखों तक सीमित रह गए हैं। यह हमें यह सिखाती है कि ऐसे रिश्ते केवल नाम के होते हैं और इनमें भावनाओं की कोई अहमियत नहीं होती।
Rishte Dhoka Rishte Matlabi Shayari
अपनों ने ही अपनेपन का धोखा दिया,
हर मुस्कान के पीछे दर्द छुपा दिया।Apnon ne hi apnepan ka dhokha diya,
Har muskaan ke peeche dard chhupa diya.
रिश्तों में भरोसा अब नामुमकिन सा लगता है,
हर रिश्ता मतलब का पैमाना सा लगता है।Rishton mein bharosa ab naamumkin sa lagta hai,
Har rishta matlab ka paimana sa lagta hai.
दिल की उम्मीदें रिश्तों में अब टूट चुकी हैं,
धोखे की कड़वाहट हर कोने में घुट चुकी है।Dil ki umeedein rishton mein ab toot chuki hain,
Dhokhe ki kadwahat har kone mein ghut chuki hai.
Rishte Dhoka Rishte Matlabi Shayari
“Rishte dhoka rishte matlabi shayari” उन रिश्तों के दर्द को बयां करती है, जहां भरोसे को तोड़कर स्वार्थ सिद्ध किया जाता है। जब अपने ही लोग मतलब के लिए धोखा देते हैं, तो यह महसूस होता है कि ये रिश्ते दिल की बजाय केवल दिखावे के लिए हैं। “Swarthi log rishte dhoka rishte matlabi shayari” के माध्यम से यह समझा जा सकता है कि स्वार्थी लोगों के साथ रिश्ते केवल तकलीफ का कारण बनते हैं।
Relationship Quotes Rishte Matlabi Shayari
रिश्तों की परिभाषा अब बदल चुकी है,
जहां मतलब है, वही दोस्ती सिमट चुकी है।Rishton ki paribhasha ab badal chuki hai,
Jahan matlab hai, wahi dosti simat chuki hai.
हर मुस्कान अब मतलब की गवाही देती है,
दिल से जुड़े रिश्तों को परछाई कहती है।Har muskaan ab matlab ki gawahi deti hai,
Dil se jude rishton ko parchai kehti hai.
दिल में जगह बनाने वाले दिल को ही तोड़ देते हैं,
रिश्तों के नाम पर हर अपना छोड़ देते हैं।Dil mein jagah banane wale dil ko hi tod dete hain,
Rishton ke naam par har apna chhod dete hain.
“Relationship quotes rishte matlabi shayari” हमें इस बात का एहसास कराती है कि जब रिश्ते स्वार्थ पर आधारित होते हैं, तो उनकी गहराई खो जाती है। “Rishte matlabi shayari in english” और हिंदी दोनों भाषाओं में, यह दर्द और तकलीफ की सच्चाई को बयां करती है। ऐसे रिश्ते हमें यह सिखाते हैं कि सच्चाई और ईमानदारी किसी भी संबंध का सबसे अहम पहलू है।
Matlabi Family Rishte Shayari
परिवार का रिश्ता भी अब मतलब से भरा हुआ है,
हर अपना बस जरूरत का सहारा हुआ है।Parivaar ka rishta bhi ab matlab se bhara hua hai,
Har apna bas zarurat ka sahara hua hai.
घर के लोग भी अब पराए लगने लगे हैं,
रिश्तों के बंधन बस दिखावे में ढलने लगे हैं।Ghar ke log bhi ab paraaye lagne lage hain,
Rishton ke bandhan bas dikhave mein dhalne lage hain.
परिवार का हर रिश्ता अब स्वार्थ से भरा हुआ है,
हर अपनापन एक छलावा सा हुआ है।Parivaar ka har rishta ab swarth se bhara hua hai,
Har apnapan ek chhalawa sa hua hai.
“Matlabi family rishte shayari” उन पारिवारिक रिश्तों को उजागर करती है, जो केवल स्वार्थ और मतलब पर टिके होते हैं। जब परिवार में ही लोग स्वार्थी हो जाते हैं, तो “matlabi family rishte shayari in english” के शब्द उस दर्द को बयान करते हैं। परिवार का रिश्ता सबसे गहरा और मजबूत माना जाता है, लेकिन जब यह मतलब और स्वार्थ से भरा हो, तो “rishtedar shayari in family matlabi rishte quotes” उस घुटन को व्यक्त करता है।
Selfish Rishtedar Shayari in Family Matlabi Rishte Quotes
रिश्तेदार अब सिर्फ अपने फायदे के लिए पास आते हैं,
हर अपनापन झूठी बातों में छुपाते हैं।Rishtedar ab sirf apne fayde ke liye paas aate hain,
Har apnapan jhoothi baaton mein chhupate hain.
घर के रिश्ते भी अब बोझ लगने लगे हैं,
स्वार्थ की वजह से अपने दूर दिखने लगे हैं।Ghar ke rishte bhi ab bojh lagne lage hain,
Swarth ki wajah se apne door dikhne lage hain.
जो अपने थे, वो अब परायों से बदतर लगते हैं,
दिल की गहराई में छल के बीज बोते हैं।Jo apne the, wo ab paraayon se badtar lagte hain,
Dil ki gehraai mein chal ke beej bote hain.
“Selfish rishtedar shayari in family matlabi rishte quotes” हमें उन रिश्तेदारों की हकीकत से रूबरू कराती है, जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं। “Family rishte matlabi paise ki duniya hai shayari” यह दिखाती है कि कैसे पैसों और दिखावे की दुनिया में पारिवारिक रिश्ते भी स्वार्थ के चक्र में फंस जाते हैं। जब परिवार के लोग ही धोखा देते हैं, तो “family shayari in hindi selfish matlabi rishte quotes” के माध्यम से यह तकलीफ झलकती है।
Duniya Shayari Selfish Matlabi Rishte Quotes
दुनिया के रिश्ते अब दिल से नहीं होते,
हर अपने के पीछे मतलब छिपे होते।Duniya ke rishte ab dil se nahi hote,
Har apne ke peeche matlab chhipe hote.
रिश्तों की हकीकत अब समझ आने लगी है,
हर मतलब की राह रिश्तों को खाने लगी है।Rishton ki haqeeqat ab samajh aane lagi hai,
Har matlab ki raah rishton ko khane lagi hai.
दुनिया के लोग अब अपने भी नहीं लगते,
हर रिश्ता एक जाल सा बनता दिखता है।Duniya ke log ab apne bhi nahi lagte,
Har rishta ek jaal sa banta dikhta hai.
“Duniya shayari selfish matlabi rishte quotes” यह समझाने की कोशिश करती है कि आज की दुनिया में मतलब के रिश्तों का बोलबाला है। लोग केवल अपने फायदे के लिए पास आते हैं और बाद में भूल जाते हैं। “Selfish matlabi rishte quotes” के माध्यम से यह बात उजागर होती है कि हमें अपने आसपास के लोगों को समझदारी से चुनना चाहिए, क्योंकि स्वार्थी रिश्ते केवल तकलीफ देकर जाते हैं।