Money can be a powerful force, shaping our relationships and defining our interactions. In 2025, the Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari offers a vivid exploration of this theme through beautiful verses that capture the spirit of our times. This poetry resonates with anyone who has felt the impact of financial interests on personal connections.
As you read through this article, you’ll uncover shayaris that not only entertain but also provoke thought about the delicate balance between love and materialism in our daily lives.
Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari
मतलबी कीमत पैसा और रिश्ते शायरी reflects the complex emotions we feel when relationships are mixed with materialism. It highlights how often people value money over genuine connections, leading to feelings of betrayal and sadness.
इंसान की तकलीफ किसी को नजर नही आती,
सबको पैसो से मतलब होता हैं..!!
फटी जेब देखकर सब साथ छोड़ देते हैं,
एक मोटी गडी दिखाते ही कुते की तरह दुम हिलाते आते हैं..!!
इस दुनिया मे जिसके पास पैसा है,
उसे सब पूछते हैं भाई तू कैसा हैं..!!
खुद को मतलबी पैसे की दुनियां से संभाल कर रखो,
यह मतलब निकाल, कंगाल करके तुम्हें छोड़ जाएंगे..!!
मतलबी पैसे की दुनिया है सबको समझा रहा हूँ,
मुझे पता चल गया इसलिए आपको भी बता रहा हूं..!!
अंधा प्यार तो एक ज़माने में हुआ करता था,
आजकल तो प्यार पैसा देख कर होता है..!!
कभी पैसा देख कर किसी से दोस्ती ना करो,
जिससे दोस्ती करो हर हालात में उसके साथ रहो..!!
जब तक पैसा तेरे पास है,
तब तक मतलबी लोगों का तू बाप है..!!
कोई कहता हैं दुनिया प्यार से चलती हैं कोई कहता हैं,
दुनिया दोस्ती से चलती हैं लेकिन ये दुनिया पैसो से चलती हैं..!!
मतलबी दुनियाँ पैसे देख कर,
आपके आगे पीछे चलती है,
गर जैब खाली हो आपकी तो,
आपसे दूरी बना कर रखती है..!!
उनका मतलबी होना भी हमें पसन्द हैं,
मतलब से ही सही हमे याद तो करते हैं..!!
मैने खर्च कर दिया खुद को लोगो पर,
जो मतलब के लिए साथ थे..!!
इंसान का घमंड भी सही हैं जनाब,
पैसे आने पर तो बटुआ भी फूल जाता हैं..!!
जो कहता है कि पैसा सिर्फ कागज का टुकड़ा है,
तो मेरे दोस्त यह कागज का टुकड़ा कभी कूड़ेदान में नहीं मिलेगा..!!
अब ना कोई उम्मीद है ना किसी से शिकवा है,
जो अपने लोगों को भी मतलबी बनते देखा..!!
अगर भरोसा करना हैं तो खुद पर करो दोस्त ये मतलबी दुनिया हैं,
अपना मतलब निकलते ही आपको छोड़ देगी..!!
मतलबी कीमत पैसा और रिश्ते शायरी
में पैसा हु जो नई रिश्तेदारी बनाता हूं,
मगर असली और पुरानी बिगाड़ देता हूं..!!
पैसे के पीछे भागते हैं लोग,
सच्चे प्यार को ठुकरा देते हैं,
जब तक मतलब होता है आपसे,
तब तक ही यह यार रहते हैं..!!
मतलबी दुनियाँ पैसे की हमने पैसों से इन्हें आज़माया है,
सब साथ छोड़ गए तबसे जब से खुद को गरीब बताया है..!!
जब जेब में रूपये हो तो दुनिया आपको औकात देखती हैं,
और जब जेब में रूपये न हो तो दुनिया अपनी औकात दिखाती हैं..!!
सब मतलब की यारी है,
यह दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है..!!
सब कुछ नहीं होता पैसा बात तो सही हैं,
मगर इन्सान को बिकते हुए देखा है हमने चंद कुछ रुपयों में..!!
मतलबी कीमत पैसा और रिश्ते शायरी
लोग खोजने है तो परवाह करने वालों को खोजिए,
यूज करने वाले तो आपको खुद ही खोज लेंगे..!!
पहले बस सुना था तुमसे मिलकर जाना,
दुनिया कितनी मतलबी है..!!
जब पैसा होता है तो लोग रिश्ते बनाने का बहाना ढूंढते हैं,
और जब पैसा नहीं होता तो लोग सगे रिश्ते भी बताने में कतराते हैं..!!
इंसान की नजर में जो पैसा दे पाए वह रिश्तेदार है,
जो ना दे पाए वह बेकार है..!!
मतलब निकल जाने पर सब छोड़ देते हैं,
झूठे वादे करके फिर उन्हें तोड़ देते हैं..!!
पैसो के पीछे भागने वाली यह दुनिया हमारा साथ तब तक देती है,
जब तक आपके पास पैसा है..!!
जिसे हम समझते थे कि हमारा यार है,
वो तो निकला मतलबी और गद्दार है..!!
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Selfish Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari
Rishte paisa shayri beautifully captures the complex emotions between relationships and money. It expresses how financial matters can sometimes strain bonds, yet highlights the deeper connections that go beyond just material wealth.
कागज़ के नोट की चाहत में बहुत कुछ छूट जाता हैं,
ना जाने सब्र का धागा कहाँ पर टूट जाता हैं।
रूपया कितना भी गिर जाएँ,
इतना कभी नही गिर पायेगा,
जितना रूपये के लिए
इंसान गिर चुका हैं।
सभी के तलवे चाटूँ मैं ऐसा थोड़ी हूँ,
सभी को पसंद आऊं मैं पैसा थोड़ी हूँ।
कुछ को सौ में तो कुछ को हज़ारों में,
इंसान और इंसानियत को बिकते
देखा है मैंने बाज़ारों में।
मिली थी जिन्दगी किसी के “काम” आने के लिए,
पर वक्त बीत रहा है क़ागज के टुकड़े कमाने के लिए!
कागज़ के नोट की चाहत में बहुत कुछ छूट जाता हैं,
ना जाने सब्र का धागा कहाँ पर टूट जाता हैं।
जिसके पास पैसा उनके सब करीब होते है,
उनका कोई नहीं होता जो गरीब होते हैं!
आज के डेट में सब
से बड़ा पैसा है मेरी जान
अगर तुम्हारे पास पैसा है
तो तुम दुनिया पे राज करोगे।
अपने कमाए हुए पैसे से तो सिर्फ ज़रूरत पूरी होती है,
शौक तो मां-बाप से मांगे हुए पैसों से पूरे होते थे।
पैसा बोलता है ,
पैसा मोलता है।
पैसे से जो आदमी को सम्मान मिलता है,
वह उसका नहीं, उसके पैसे का सम्मान है।
कफन में तो कोई जेब भी नहीं होती है,
और लोग मरे जा रहे हैं पैसे के लिए।
जिनके पास नहीं उन्हें पूछो ,
पैसा तोलता है।
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Matlabi Rishte Paisa Shayri
In a मतलबी दुनिया स्टेटस 2 line, we see how important it is to recognize genuine connections. Surrounding ourselves with sincere individuals can make a big difference in navigating this often selfish world.
हम दिल लगाते हैं जिससे उस पर जान भी देते हैं वार,
पर सब मतलबी धोखेबाज पैसा देख करते हैं झूठा प्यार..!!
धूप का नाम तो यू ही बदनाम हैं,
सच्च तो यह हैं कि ये दुनिया अपनो से ही जलती हैं..!!
कुछ ऐसे ही हो रहा है रिश्तों का विस्तार,
जिससे जितना मतलब, उससे उतना प्यार..!!
सिर्फ पैसे से ही लोग हम से जुड़े होते हैं..!!
जब जेब मै पैसा होता है ना,
तो दुनिया सलाम करती है..!!
पैसा बोलता नहीं है पर जब ये पास होता है ना,
तो बहूत कुछ बोलता है..!!
कोई समझे तो एक बात कहू साहब,
तनहाई सौ गुना बेहतर है मतलबी लोगो से..!!
अपना वक्त पैसा कामने में लगा दो,
दुनिया अपने आप पीछे आ जाएंगी..!!
जो सामने मिलने पर भी भाई भाई करता हैं,
अक्सर पीठ पीछे वही गाली बकता हैं..!!
सच्चे दोस्त बहुत मुश्किल से मिलते हैं,
मतलबी लोग तो खुद चल कर आ जाते हैं..!!
मतलब निकल जाने पर सब छोड़ देते हैं
झूठे वादे करके फिर उन्हें तोड़ देते हैं।
जब तक पैसा मेरे पास रहा,
तब तक मैं सबका बाप रहा,
जब हो गयी जैब खाली तो,
तू कौन है यह सबने कहा..!!
खुद को मतलबी पैसे की दुनियां से संभाल कर रखो।
यह मतलब निकाल, कंगाल करके तुम्हें छोड़ जाएंगे।
कभी पैसा देख कर किसी से दोस्ती ना करो
जिससे दोस्ती करो हर हालात में उसके साथ रहो।
जब तक पैसा है तेरे पास ,
तब तक मतलबी लोगों का है तू खास।
अंधा प्यार तो एक ज़माने में हुआ करता था
आजकल तो प्यार Paisa देख कर होता है।
मतलबी पैसे की दुनिया है सबको समझा रहा हूँ
मुझे पता चल गया इसलिए आपको भी बता रहा हूं।
जब तक पैसा मेरे पास रहा,
तब तक मैं सबका बाप रहा,
जब हो गयी जेब खाली तो,
तू कौन है यह सबने कहा।
जरूरतें कम कर लो जितना भी,
पैसा कमाओगे अधिक होगा,
जरूरतें अधिक कर लो जितना भी,
पैसा कमाओगे कम होगा।
और जब जेब में रूपये न हो तो,
दुनिया अपनी औकात दिखाती हैं।
“पैसा” बदलते देखा है हमने फितरत इंसानों की,
जो बस चंद पैसे के वजन से रिश्ते की अहमियत तौलते हैं
सांसारिक जीवन में आप पैसे के,
बिना खुश नही रह सकते हैं।
जब जेब में रूपये हो तो,
दुनिया आपको औकात दिखाती हैं।
इंसान की अकड़ तो वाजिब हैं जनाब,
पैसा आने पर तो बटुआ भी फूल जाता हैं।
रिश्तों की कदर पैसों की तरह करनी चाहिए,
क्योंकि दोनों को कमाना कठिन और गवाना आसान है।
दरवाजें बड़े करवाने है,
मुझे अपने आशियाने के,
क्योकि कुछ दोस्तो का कद बड़ा हो गया है,
चार पैसे कमाने से।
पैसा बिस्तर दे सकता हैं पर, नींद नही,
पैसा भोजन दे सकता हैं पर, भूख नही।
मैंने अपनो से ज्यादा गैरों पे भरोसा किया,
तकदीर का खेल तो देखो,
पैसों के चमक ने गैरों का असली रंग दिखा दिया।
लोग कहते है की पैसा बोलता है,
मगर हमने कभी पैसे को बोलते नहीं देखा,
हां कई लोगों को चुप करवाते देखा है।
अगर तुम्हारे पास पैसा है,
तो तुम दुनिया पे राज करोगे।
कुछ को सौ में तो कुछ को हज़ारों में,
इंसान और इंसानियत को बिकते,
देखा है मैंने बाज़ारों में।
आज के डेट में सब,
से बड़ा पैसा है मेरी जान।
पैसा अच्छे कपडे दे सकता हैं पर, सुन्दरता नही,
पैसा ऐशो आराम के साधन दे सकता हैं पर सुकून नही।
भाई ने भाई को,
बेटे ने माँ-बाप को छोड़ दिया,
ज्यादातर इन्सान पैसों के आधार पर,
लोगों को महत्व देते हैं।
इतना बड़ा हो गया ये पैसा,
इसके लिए सभी अनमोल रिश्तो को तोड़ दिया।
मैं पैसा हूँ मैं भगवान नही,
पर मुझे लोग मानते भगवान से कम नही।
जब व्यक्ति के जेब में पैसा होता हैं,
तो वह भूल जाता हैं कि वह कौन हैं,
लेकिन जब उसके पास पैसा नही होता,
तो दुनिया भूल जाती हैं कि वह कौन हैं।
The Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari 2025 offers a fresh perspective on the complexities of relationships influenced by money and selfishness. These poetic expressions capture the essence of how materialism can affect human connections, making us reflect on what truly matters in life. The shayari encourages readers to think deeply about their own experiences and the impact of greed on their relationships.








