इश्क़ सिर्फ मोहब्बत नहीं, बल्कि एक ऐसा एहसास है जो दिल को अंदर तक बदल देता है। कभी यह मीठी मुस्कान बन जाता है, तो कभी खामोश दर्द। इन्हीं भावनाओं को खूबसूरती से बयान करती है Ishq Shayari In Hindi। यहाँ आपको पढ़ने को मिलेगी सादगी भरी 2 line ishq shayari, गहराई से लिखी ishq shayari hindi, और जज़्बातों से भरपूर gulzar ishq shayari in hindi। साथ ही mohabbat ishq shayari इश्क़ के हर रंग को सामने लाती है, जो दिल को छू जाती है।
Ishq Shayari In Hindi
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया
दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के
ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है
वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मिरे हरजाई की
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो
हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली
इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे
ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद
महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी
जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला
Ishq Shayari 2 Line

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं
और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा’द ये मा’लूम
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
आप के बा’द हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह
कोई समझे तो एक बात कहूँ
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं
मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा
उस को छुट्टी न मिले जिस को सबक़ याद रहे
कभी यक-ब-यक तवज्जोह कभी दफ़अतन तग़ाफ़ुल
मुझे आज़मा रहा है कोई रुख़ बदल बदल कर
चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उमीदें
ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ
शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को
मैं देखता रहा दरिया तिरी रवानी को
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
तुम से बिछड़ कर ज़िंदा हैं
जान बहुत शर्मिंदा हैं
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था
वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ
अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
क्या कहा इश्क़ जावेदानी है!
आख़िरी बार मिल रही हो क्या
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा
मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा
मोहब्बत करने वाले कम न होंगे
तिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
मुझे अब तुम से डर लगने लगा है
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया
जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया
गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा
गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं
Romantic Ishq Shayari In Hindi

यह दुनिया जीत गई
दिल हार गया
कभी याद आओ तो
मैसेज कर देना
कहानी खत्म हो चुकी मोहतरमा
मुबारक हो हम बर्बाद हो गए
ज़ियान-ए-दिल ही इस बाज़ार में सूद-ए-मोहब्बत है
यहाँ है फ़ाएदा ख़ुद को अगर नुक़सान में रख लें
मेरा इश्क़ तो ख़ैर मिरी महरूमी का पर्वर्दा था
क्या मालूम था वो भी देगा मेरा इतना टूट के साथ
इश्क़ में कूदो अगर शौक़ है मरने का बहुत
इस से गहरी कोई खाई मुझे मालूम नहीं
ख़्वाहिश-ए-सूद थी सौदे में मोहब्बत के वले
सर-ब-सर इस में ज़ियाँ था मुझे मालूम न था
एक तरफ था जब उससे बात यह बिना एक दिन नहीं
रहा जाता था और आज कितने दिन हो गए आवाज तक नहीं सुनी
उसकी वह बात मुझे आज भी याद है
तुम्हारे अलावा कोई नहीं चाहिए
मोहब्बत तो एक तरफ होती है यार जो दोनों
तरफ ऐसी हो जाए उसे किस्मत कहते हैं
अगर वह जिंदगी में एक बार फक्त मेरा होता तो
मैं जमाने की किताबों से लफ्ज बेवफा मिटा देता
फिक्र बता रही है मोहब्बत जिंदा है
फासलों से कह दो इतना गुरुर न करें
Mohabbat Ishq Shayari

रात को नींद से ज्यादा आपकी
याद आती है मेरी जान
सफर तेरे साथ बहुत चलता रहा मगर
उम्र भर के लिए याद बन गए हो
कुर्बान कर दो सारी जिंदगी तेरी इन हसीन
आंखों पर तू वादा तो कर मुझे उम्र भर देखने का
मैं जान तक गिरवी रख दूंगा तू
क़ीमत तो बताओ वापस आने की
जरूरी नहीं कि तुम भी चाहो मुझे मेरा
इश्क है एक तरफ भी हो सकता है
Adhura Ishq Shayari
अच्छा लगता है हर रात तेरे ख्यालों में खो जाना
जैसे दूर हो कर भी तेरे बाहों में सो जाना
वादे पक्के थे उमर कच्ची थी किस्मत से
हार गए वरना मोहब्बत सच्ची थी
इश्क़ की सफ़ मनीं नमाज़ी सब
‘आबरू’ को इमाम करते हैं
इश्क़ इक ऐसी हवेली है कि जिस से बाहर
कोई दरवाज़ा खुले और न दरीचा निकले
सब्र बिन और कुछ न लो हमराह
कूचा-ए-इश्क़ तंग है यारो
मुझ को मरने न दिया शे’र उतारे मुझ पर
इश्क़ ने बस ये मिरे साथ रिआ’यत की थी
इश्क़ वजह-ए-ज़िंदगी भी दुश्मन-ए-जानी भी है
ये नदी पायाब भी है और तूफ़ानी भी है
जी चाहता है उस बुत-ए-काफ़िर के इश्क़ में
तस्बीह तोड़ डालिए ज़ुन्नार देख कर
इंतजार क्या होता है कोई मुझसे पूछे मैंने
एक आवाज की खातीर है नंबर नहीं बदला
वजह पूछने का मौका ही नहीं मिला वह
लहजे बदलते रहे हम अजनबी होते गए
काश मुझे पता होता कि तुम मेरे साथ ऐसा करोगे
तो सच मानो रिश्ता जोड़ने से पहले हाथ जोड़लेते हैं
Ishq Shayari In Hindi For Girlfriend

मेरी खुशी भी थोड़ी देर की होती है
थोड़ा हंस लूं तो रात भर रुला देतीहै
खुद को बदलना सीखो साल
तो हर साल बदल ही रहा है
है शैख़-ओ-बरहमन के दीन की हद दैर-ओ-का’बा तक
सवाद-ए-दीन-ए-इश्क़-ए-बे-ग़रज़ कौन-ओ-मकाँ तक है
गर नहीं ये ‘इश्क़ तो फिर और क्या शय है भला
जो पस-ए-पर्दा रहे और क़ल्ब मेरा खाए है
इश्क़-बाज़ी बुल-हवस बाज़ी न जान
इश्क़ है ये ख़ाना-ए-ख़ाला नहीं
इश्क़ से है फ़रोग़-ए-रंग-ए-जहाँ
इब्तिदा हम हैं इंतिहा हैं हम
वफ़ा परछाईं की अंधी परस्तिश
मोहब्बत नाम है महरूमियों का
कितने ही राज़ सब पर ‘अयाँ हो गए
इक तिरा राज़-ए-उल्फ़त छुपाते हुए
था बड़ा मअरका मोहब्बत का
सर किया मैं ने दे के सर अपना
इश्क़ के फंदे से बचिए ऐ ‘हक़ीर’-ए-ख़स्ता-दिल
इस का है आग़ाज़ शीरीं और है अंजाम तल्ख़
रह-ए-इश्क़-ओ-वफ़ा भी कूचा-ओ-बाज़ार हो जैसे
कभी जो हो नहीं पाता वो सौदा याद आता है
इश्क़ की राह में मैं मस्त की तरह
कुछ नहीं देखता बुलंद और पस्त
या दैर है या काबा है या कू-ए-बुताँ है
ऐ इश्क़ तिरी फ़ितरत-ए-आज़ाद कहाँ है
यूँ मोहब्बत से जो चाहे कोई अपना कर ले
जो हमारा न हो उस के कहीं हम होते हैं
क्या जज़्ब-ए-इश्क़ मुझ से ज़ियादा था ग़ैर में
उस का हबीब उस से जुदा क्यूँ नहीं हुआ
हुस्न ओ इश्क़ की लाग में अक्सर छेड़ उधर से होती है
शम्अ की शोअ’ला जब लहराई उड़ के चला परवाना भी
मोहब्बत ज़ुल्फ़ का आसेब जादू है निगाहों का
मोहब्बत फ़ित्ना-ए-महशर बला-ए-ना-गहानी है
सुख़न के चाक में पिन्हाँ तुम्हारी चाहत है
वगरना कूज़ा-गरी की किसे ज़रूरत है
मिरा दिल टूट जाने पर मियाँ हैरत भला कैसी
अगर रस्ता बदल जाए सितारे टूट जाते हैं
इश्क़ में क़द्र-ए-ख़स्तगी की उम्मीद
ऐ ‘जिगर’ होश की दवा कीजिए
ग़म-ए-इश्क़ ही ने काटी ग़म-ए-इश्क़ की मुसीबत
इसी मौज ने डुबोया इसी मौज ने उभारा
नहीं बचता है बीमार-ए-मोहब्बत
सुना है हम ने ‘गोया’ की ज़बानी
जी चाहेगा जिस को उसे चाहा न करेंगे
हम इश्क़ ओ हवस को कभी यकजा न करेंगे
इश्क़ बहरूप था जो चश्म ओ दिल ओ सर में रहा
कहीं हैरत कहीं वहशत कहीं सौदा बन कर
इश्क़ उस का आन कर यक-बारगी सब ले गया
जान से आराम सर से होश और चश्मों से ख़्वाब
हुस्न और इश्क़ का मज़कूर न होवे जब तक
मुझ को भाता नहीं सुनना किसी अफ़्साने का
उर्यां हरारत-ए-तप-ए-फ़ुर्क़त से मैं रहा
हर बार मेरे जिस्म की पोशाक जल गई
अगर कोई तुम पर मरता है तो
कोशिश करना वह जिंदारहे
सच्ची मोहब्बत कच्ची उम्र में ही होती है
बाद में तो सब समझदार हो जातेहैं
पागल कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वालों
को क्योंकि इसको इश्क हार नहीं मानता और दिल बात नहीं मानता
ख्वाहिश को ना कि किसी से दिल लगाने की और
किस्मत में दर्द लिखा था मोहब्बत कैसे न होती
Ishq Shayari In Hindi For Boyfriend
कल रात जब अपने दिल से तेरा रिश्ता पूछा
कमबख्त खाता है जितना मैं उसका हूं उतना तेरा भी नहीं हु
मतलब की दुनिया थी इसलिए छोड़ दिया सबसे
मिलना वरना यह छोटी सी उम्र तन्हाई के काबिल ना थी
ज़ब्त-ए-ग़म वुफ़ूर-ए-शौक़ और दिल-ए-ना-सुबूर-ए-इश्क़
मुझ को तो है ग़ुरूर-ए-इश्क़ आप को नाज़ हो न हो
किसी के दर्द की दवाई बनो
जख्म तो हर कोई देता है
जो हैं मस्त-ए-अलस्त उन को ख़ुमार-ओ-सुक्र का डर क्या
निगाह-ए-तिश्ना-काम-ए-इश्क़ ही दस्त-ए-मुग़ाँ तक है
सई-ए-ला-हासिल मुदावा-ए-मरीज़-ए-इश्क़ है
थामना मुमकिन नहीं गिरती हुई दीवार का
दस्त-ए-जुनूँ भी तंग हुआ दश्त-ए-इश्क़ में
अब चाक क्या करूँ कि गरेबान ही नहीं
ये इश्क़ पेशगी दार-ओ-रसन के हंगामे
ये रंग ज़िंदा सलामत है यानी हम अभी हैं
अच्छा हुआ तुमने मुझे तोड़ के रख दिया मुझे
बहुत घमंड था कि तुम सबसे अलग हो
हमसफर अगर साथ देने वाला हो तो
हालत कैसा भी हो फर्क नहीं पड़ता
Ishq Shayari Urdu
जिंदगी की आखिरी सांस तक तुम्हारे साथ हु
और बताओ मेरी जान तुम्हें क्या चाहिए
सोचो कितनी सीधा से मोहब्बत की होगी मैं
की अब तुम्हें देखनी का भी मन नहीं करता
टूटी हुई चीज हमेशा परेशान करती है जैसे दिल
में भरोसा सबसे ज्यादा किसी से लगाई हुई उम्मीद
मेरी चाहत का मुझे ही नुकसान हो गया एक
शख्स को मैंने इतना चाहा कि वह मुझसे परेशान हो गया
प्यार का मतलब सिर्फ पाना ही नहीं होता
किसी की यादों में जीना भी प्यार ही होता है
Gulzar Ishq Shayari In Hindi

तुमसे मिलना जरूरी नहीं
तुम्हारा मिल जाना जरूरी है
मोहब्बत की दुनिया में मोहब्बत जब न हासिल हो
इंसान मर तो जाता है मगर मौत नहीं आती
शाम है ये वा’दे की इश्क़ के इरादे की
इक जवाँ सा सन्नाटा इक हसीन ख़ामोशी
तुझे इस दुनिया से छीन नहीं सकता
लेकिन अपने रब से मांग तो सकता हूं
सबर मेरा कोई क्या ही आजमाएगा मैंने हंस के
छोड़ा है उसे जो मुझे सबसे ज्यादा प्यार था
भूल नहीं हूं बस जताना छोड़ दिया ख्वाहिश
तो आज भी है बस दिखानाछोड़ दिया
ख्याल रखना अपना हर कोई
मेरे जैसा नहीं मिलेगा
Ishq Shayari In Hindi For Instagram
बात करने के लिए वक्त नहीं
दिल में अहमियत होनी चाहिए
सुबह का पहला ख्याल और
रात की आखिरी ख्याल हो तुम
बस इतना याद रखना जो तुमसे है
वह किसी और से नहीं है
कैसे छोड़ दूं तुझे मोहब्बत करना माना तू
किस्मत में ना सही पर दिल में तो हो
जब मर्द का बुरा वक्त शुरू होता है तो सबसे
पहले उसकी पसंदीदा औरत उसको छोड़ कर जाती है
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
मजनूँ मिला तो पूछता था दश्त-ए-‘इश्क़ में
अब सुनता वाँ है मेरे फ़साने भी कोई क्या
शिकवा-ए-बे-चारगी ‘मैकश’ किसी से क्यों करें
‘इश्क़ तो महरूमी-ए-दिल के सिवा कुछ भी नहीं
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे
मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है
इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही
दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
वही यानी वादा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो
ऐ ग़म-ए-इश्क़ तुझ से हार गए
जान दे कर भी शर्मसार उठे
ठोकर ज़रा सी ‘इश्क़ में क्या लग गई कि बस
बनने निकल पड़े हैं सभी ‘जौन-एलिया’
गुज़र गए हैं वो लम्हे भी इश्क़ में ऐ दोस्त
तिरे बग़ैर भी जब ख़ुश रहे हैं दीवाने
हाए मोहब्बत की मजबूरी
रोना भी आसान नहीं है
इश्क़ की इब्तिदा तो है इश्क़ की इंतिहा नहीं
इश्क़ है वो बक़ा सरिश्त जिस को कभी फ़ना नहीं
फिर ओढ़ कर चली है हवस इश्क़ की रिदा
फिर बढ़ गए फ़रेब के इम्काँ नए नए
कितनी बे-रंग ज़िंदगी है मिरी
‘इश्क़ के रंग यार भर दो ना
तौफ़ीक़ जिन को मा’सियत-ए-इश्क़ की नहीं
ऐ रहमत-ए-तमाम गुनहगार वो भी हैं
हुस्न तन्हा नहीं हक़दार वफ़ा का ‘मोहसिन’
इश्क़ ने भी कफ़-ए-अफ़सोस मले हैं बरसों
डालता है धमाल दिल गोया
‘इश्क़ के बा’द इस की बारी है
वहाँ बस में नहीं हूँ और सब है
यहाँ बस तू ही तू है और क्या है
तेरे शैदा भी हुए इश्क़-ए-तमाशा भी हुए
तेरे दीवाने तिरे शहर में रुस्वा भी हुए
यही तो ए’तिबार-ए-शब-कदा है
मिरा हासिल है ये कार-ए-ज़ियाँ इश्क़
Ishq Shayari In Hindi 2 Line
आरज़ू है कि तू यहाँ आए
और फिर उम्र भर न जाए कहीं
यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे
ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल
आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए
मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ
किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में
मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी
बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन
मुसाफ़िरों की मोहब्बत का ए’तिबार न कर
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
वो चेहरा किताबी रहा सामने
बड़ी ख़ूबसूरत पढ़ाई हुई
तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़ाम न ढूँडो
चाहा था तुम्हें इक यही इल्ज़ाम बहुत है
इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में
या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर
जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई
आशिक़ी में ‘मीर’ जैसे ख़्वाब मत देखा करो
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो
इश्क़ इक ‘मीर’ भारी पत्थर है
कब ये तुझ ना-तवाँ से उठता है
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी
तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
आते आते मिरा नाम सा रह गया
उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया
अक़्ल को तन्क़ीद से फ़ुर्सत नहीं
इश्क़ पर आमाल की बुनियाद रख
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
उन दोनों को सुकून दे या रब जिनका
हाल तेरे सिवा कोई नहीं जानता
वक्त मैं बता दिया कि वह के
बाद हर इंसान बदल जाता है
देख लेना तुम ऐसे भुला दिए
जाओगे जैसे कभी थे ही नहीं
जिसे तुम बेकार समझ कर छोड़ देना चाहते
हो उसे लोगों से पाने की ख्वाइश रखते है
मुझे अपनी मोहब्बत पर इतना तो यकीन है
वह मुझे छोड़ तो सकता है मगर भूल नहीं सकता
आज फिर से तेरा किसी ने जिक्र किया
आज फिर दिल को मनाने में बहुत देर लगी
और एक दिन रख लिया खुद को कॉल मैसेज करने
से तब पता चला रिश्ता मेरे चलने से चल रहा था
सब कुछ मिल जाता है लेकिन
तुम्हारे बिना सुकून नहीं मिलता है
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रंग करूँ ख़ून-ए-जिगर होते तक
याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है
Conclusion
उम्मीद है कि यह खूबसूरत संग्रह Ishq Shayari In Hindi आपके दिल के एहसासों को सही शब्द दे पाएगा। इश्क़ कभी मुकम्मल होता है, तो कभी अधूरा रह जाता है। इसी सच्चाई को बयां करती है ishq shayari gulzar, दिल को छू लेने वाली ek tarfa ishq shayari, और सरल लेकिन असरदार इश्क शायरी दो लाइन। ये शायरियाँ प्यार, चाहत और तड़प को इतनी सच्चाई से बयान करती हैं कि हर पढ़ने वाला खुद को इनमें कहीं न कहीं महसूस करता है।







