60+ Loneliness Shayari: Embracing Emotions Through Words

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By Sad Shayari

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Loneliness Shayari

Loneliness is a deep, often overwhelming emotion that touches us all at some point in life. Whether it stems from unrequited love, separation, or just the weight of solitude, words often serve as the perfect medium to express these feelings. Loneliness Shayari beautifully captures the essence of this emotion, allowing people to connect with their deepest thoughts and find solace in the shared human experience.

In this article, we will explore over 60 heart-touching Loneliness Shayari that dive into the emotions of isolation, longing, and silent heartache. These Shayari not only provide an emotional outlet but also bring comfort through shared expressions of solitude.

Loneliness Shayari

मैं अपनी तन्हाई को
सरेआम लिखना चाहती हूं
मेरे महबूब तेरे दिये
जख्म को लिखना चाहती हूं.!!

रास्ते बंट गए मंजिलें
कहीं खो गई
उम्मीदों के समुंदर में
तकदीरे कहीं खो गई..!

तेरा साथ है हमसे कुछ
इस तरह छोड़कर जाना
मानो जैसे नदियो का बिन
पानी के सुखा रह जाना..!

वो पूछते है हमसे
मुश्किले बहुत है
जिंदगी की राहो में
क्या चल पाओगे तुम
कांटो से भरी राहो में..!

जिंदगी का राग पुराना याद आया
आज गुजरा हुआ जमाना याद आया
थम सी गई जिंदगी खयालो की बदहाली मे
वो रंग और गम मुझको दोबारा याद आया..!

The Beauty of Loneliness Shayari

Loneliness Shayari is more than just a form of poetry—it’s an intimate reflection of how we cope with feelings of isolation. While loneliness can often feel unbearable, Shayari helps transform this pain into something relatable and artistic. Each verse is an opportunity to voice emotions that are difficult to express otherwise.

Here are a few reasons why Loneliness Shayari resonates with so many:

  • It Mirrors Reality: Whether it’s heartbreak, the loss of a loved one, or the challenges of daily life, Shayari reflects real emotional struggles.
  • Emotional Healing: By putting words to the feelings of loneliness, Shayari often helps ease the emotional burden.
  • Connection: Although loneliness is a deeply personal experience, reading Shayari lets you know you’re not alone in your struggle.
Loneliness Shayari

गम भी बहुत है जिंदगी में
फिर भी खुश रहने का बहाना चाहिए
यह बड़ी-बड़ी इमारते हमे मत दिखाओ
हमे तो बस गंगा का किनारा चाहिए..!

मुझे तन्हाई की आदत है
मेरी बात छोडोए तुम बताओ कैसी हो !

ए मेरे दिल कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर
सिर्फ तुम और मैं ही हैं इस दश्त ए तन्हाई में!

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!

थकन टूटन उदासी ऊब तन्हाई अधूरापन
तुम्हारी याद के संग इतना लम्बा कारवाँ क्यूँ है !

Loneliness Shayari

अपने होने का कुछ एहसास न होने से हुआ
ख़ुद से मिलना मिरा इक शख़्स के खोने से हुआ!

किस से कहु अपनी तन्हाई का आलम
लोग चेहरे के हसी देखए बहुत खुश समझते हैं!

मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना
बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने !

तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचा ले!

तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचा ले!

कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं!

60+ Loneliness Shayari: A Treasure Trove of Emotion

Here is a collection of 60+ Shayari that beautifully encapsulates the feeling of loneliness. Each piece is crafted to resonate with your emotions and offer comfort in the shared human experience of solitude.


1. जुदाई का हर एक पल दिल को तड़पाता है,
खामोशियों में छुपा हर दर्द चिल्लाता है।
(Each moment of separation torments the heart, every pain hidden in silence screams out loud.)

2. तन्हाई में जीने का अलग ही मज़ा है,
दर्द भी अपना सा लगने लगता है।
(There’s a different pleasure in living alone, even pain starts feeling like a companion.)

3. अकेलापन वो सच है जिसे कोई नहीं मानता,
पर जो इस दौर से गुज़रे, वही इसे जानता।
(Loneliness is the truth no one admits, but only those who go through it truly know.)

4. रात की तन्हाई में अक्सर दिल से बातें होती हैं,
दुनिया से छुपा कर खुद से मुलाकातें होती हैं।
(In the loneliness of night, the heart often converses, hiding from the world, meeting oneself.)

5. जब कोई पास नहीं होता,
तब खामोशी से भी रिश्ता जुड़ जाता है।
(When no one is near, even silence becomes a companion.)


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Loneliness Shayari

मैं तन्हाई को तन्हाई में तन्हा कैसे छोड़ दूँ
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है!

अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है
कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है!

अब तो याद भी उसकी आती नहीं
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ

इश्क के नशे मे डूबे तो जाना हमने फ़राज़
के दर्द मे तन्हाई नही होती तन्हाई मे दर्द होता हैं!

कांटो सी चुभती है तन्हाई अंगारों सी सुलगती है
तन्हाई कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे मैं रोती
हूँ तो रोने लगती है तन्हाई!

Loneliness Shayari

अब तो उन की याद भी आती नहीं
कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ!

शाम.ए तन्हाई में इजाफा बेचैनी
एक तेरा ख्याल न जाना एक दूसरा तेरा जवाब न आना!

हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर।

ऐ सनम तू साथ है मेरे मेरी हर तन्हाई में
कोई गम नहीं की तुमने वफ़ा नहीं की
इतना ही बहुत है की तू शामिल है मेरी तबाही में।

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।

Loneliness Shayari

इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।

अपने साए से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा!

अपनी तन्हाई में खलल यूँ डालूँ सारी रात
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन!

यादों में आपके तन्हा बैठे हैं
आपके बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।

मैंने तन्हाई में हमेशा तुम्हे पुकारा है,
सुन लो गौर से ऐ सनम, तेरे बिना
ज़िंदगी अधूरी सी लगती है।

Loneliness Shayari

सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का,
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता।

तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे,
मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया।

शायद इसी को कहते हैं मजबूरी-ए-हयात,
रुक सी गयी है उम्र-ए-गुरेजां तेरे बगैर।

एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी।

तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे,
तुझपे गुजरे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की।

Loneliness Shayari

चलते-चलते अकेले अब थक गए हम,
जो मंज़िल को जाये वो डगर चाहिए,
तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं,
अब हमको भी एक हमसफ़र चाहिए।

मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे
छोड़ दूँ ! इस तन्हाई ने तन्हाई में
तनहा मेरा साथ दिए है !!

मुझे तन्हाई की आदत है
मेरी बात छोडो, तुम बताओ कैसी हो ?

यादों में आपके तनहा बैठे हैं,आपके
बिना लबों की हँसी गँवा बैठे हैं,
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।

आँखें फूटें जो झपकती भी हों,
शब-ए-तन्हाई में कैसा सोना।

FAQs on Loneliness Shayari

  1. What is Loneliness Shayari?
    Loneliness Shayari is a form of poetry that expresses the emotional weight of solitude and isolation, helping individuals connect with their feelings and process their experiences.
  2. How can Shayari help with loneliness?
    Reading or writing Loneliness Shayari provides a way to express complex emotions and find comfort in knowing others have shared similar feelings.
  3. Where can I find more Loneliness Shayari?
    You can explore a wide range of Loneliness Shayari on platforms like Sad Shayari, where curated collections offer deeper emotional insights.
  4. Can Shayari improve mental well-being?
    Yes, poetry such as Shayari can be therapeutic. It allows individuals to articulate their pain, which often helps alleviate feelings of loneliness and sadness.
  5. Who can write Loneliness Shayari?
    Anyone can write Loneliness Shayari! The key is to tap into personal emotions and experiences, then express them through simple yet poignant words.
Loneliness Shayari

अब तो हसरत ही नहीं रही
किसी से वफ़ा पाने की दिल इस क़दर
टूटा है की अब सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है।

कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।

तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ,
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचा ले

ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है
दोस्तों, जिसको कोई मिल गया वो
और तन्हा हो गया।

मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा,
वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए।

Loneliness Shayari

शाम-ए तन्हाई में इजाफा बेचैनी,
एक तेरा ख्याल न जाना एक दूसरा तेरा जवाब न आना

जब से देखा है चाँद को तन्हा,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही।

वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा,
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।

अब तो याद भी उसकी आती नहीं,
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ

छोड कर जाना सोची समझी साजिश थी …
वर्ना तुम तो झगड़ा भी कर सकती थी…!

Loneliness Shayari

मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता बारे में क्या सोचते हैं
बस मेरा खुदा जनता है की मेने कभी किसी का
बुरा नहीं चाहा है।

मतलब की दुनिया थी
इसलिए चोर दिया सबसे मिलना
वरना ये छोटी सी उम्र तन्हाई
के क़ाबिल न थी।

तुझ पे खुल जाती मेरे रूह की तन्हाई भी,
मेरी आँखों में कभी झांक के देखा होता

मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता।

तेरे बिना ये कैसे गुजरेंगी मेरी रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहुत लम्बी हैं ये घड़ियाँ इंतज़ार की,
करवट बदल-बदल के कटेंगी ये रातें।

Read more about love and heartbreak Shayari.

Loneliness Shayari

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा

तन्हाई में नींद नहीं आती हमे
गुज़र जाती है हर रात किसी को याद
करते करते।

इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।

मेरी कमी बताने वाले खुद की कमी
तोह देखो तुम.. जो आइना मुझे दिखा
रहे हो वो खुद भी कभी देखो तुम।

Sad Shayari

Sad Shayari

I am a passionate writer dedicated to exploring the depths of human emotions through words. With a keen eye for detail and a heart full of empathy, I can craft stories and poetry that resonate with readers on a profound level. Inspired by personal experiences and the world around me